कोरोना: सुरक्षात्मक चश्मा बनाने की तकनीक विकसित

नई दिल्ली/ कोविड 19 महामारी के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस, सफाई कर्मचारियों और आम लोगों को संक्रमण से बचाने के लिये वैज्ञािनकों ने ऐसा सुरक्षात्मक चश्मा बनाने की तकनीक विकसित की है, जो उनकी आंखों के लिये सुरक्षा कवच का काम कर सकेगा।

यह सुरक्षात्मक चश्मा बनाने की तकनीक विकसित करने वाले केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने बताया कि इस चश्मे में लचीला फ्रेम लगाया गया है, जो आंखों पर अवरोधक के रूप में काम करेगा। आंखों के आसपास की त्वचा को ढंक लेने में सक्षम इस चश्मे के फ्रेम को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें प्रिस्क्रिप्शन ग्लास भी लगाये जा सकेंगे। इस चश्मे में मजबूत पॉलीकार्बोनेट लेंस और पहनने में आसानी के लिए इलास्टिक पट्टे का उपयोग किया गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएसआईओ के निदेशक डॉ संजय कुमार ने कहा है कि यह तकनीक इस प्रयोगशाला के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इस चश्मे को विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में उपयोग किया जा सकता है। इस सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा आम लोग भी कर सकते हैं।

सीएसआईओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह चश्मा खतरनाक एरोसॉल के साथ-साथ हवा में तैरते अन्य कणों से आंखों को बचा सकता है। पलकों के भीतर आंख की पुतलियों को चिकनाई देने वाली झिल्ली शरीर में एकमात्र आवरण रहित झिल्ली होती है। आंख खुलने पर यह झिल्ली बाहरी वातावरण के संपर्क में आती है, जो वायरस के प्रवेश का कारण बन सकती है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला सीएसआईओ द्वारा इस चश्मे के बड़े पैमाने पर व्यावसायिक उत्पादन के लिए इसकी तकनीक हाल में चंडीगढ़ की कंपनी सार्क इंडस्ट्रीज को सौंपी गई है।

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