बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज, भूपेश ने पटना में सम्हाला मोर्चा

नई दिल्ली / बिहार चुनाव नतीजों के बाद से महागठबंधन की तरफ से ऐसे बयान आ रहे है जिससे यह दावा किया जा रहा है कि निस्संदेह बदलाव का जनादेश था लेकिन एनडीए ने धन, बल और छल से जीत लिया। वहीं कांग्रेस के एक नेता का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि बिहार में कोई न जीता है और न ही हारा है। वहां किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे 2017 के बदले के रूप में देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि बिहार में पिछली बार नीतीश कुमार, राजद और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़े थे और डेढ़ साल बाद सरकार बदल गई। अभी जो नतीजे आए हैं उसमें न किसी को हराया है, न किसी को जिताया है। इसलिए किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
क्या महागठबंधन सरकार बनाने का प्रयास करेगी तो यह था तेजस्वी का जवाब
यह पूछे जाने पर कि क्या महागठबंधन सरकार बनाने का प्रयास करेगी तेजस्वी ने कहा कि जनता ने बदलाव का जनादेश दिया है और जो लोग बदलाव के साथ हैं और इन चीजों को समझेंगे तो जरूर अपना फैसला लेंगे। चुनावी आंकड़ों का हवाला देते हुए, उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस चुनाव में राजग और महागठबंधन के बीच कुल मतों का अंतर केवल 12,270 है पर इतने वोटों में राजग ने कैसे 15 सीट जीतीं। आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की गिनती अंत में की गई जबकि इसकी गिनती मतगणना की शुरुआत में ही की जाती है। इसके अलावा, ऐसी सीटें भी थीं, जहां 900 से अधिक डाक मतपत्र रद्द किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां कम मतों का अंतर था और हमारे उम्मीदवार जीत रहे थे, वहां डाक मत पत्र भारी संख्या में रद्द किए गए ।
नीतीश काम करते तब, छल नहीं करना पड़ता: आरजेडी
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि अगर वे काम करते तब उन्हें छल नहीं करना पड़ता और भाजपा को अपनी बैसाखी भी नहीं बनाना पड़ता।
विपक्षी राजद ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश जी बार बार दोहराते हैं कि ‘हम सिफ़र् काम करते हैं। और पूरे बिहार के नागरिक यह सोच सोच कर परेशान होते हैं कि नीतीश जी कौन सा काम करते हैं? कहां और कब काम करते हैं? नीतीश कुमार पर तंज करते हुए आरजेडी ने कहा कि अगर वे काम करते तो जीतने के लिए छल क्यों करना पड़ता?, भाजपा को अपनी बैसाखी क्यों बनाना पड़ता और चुनाव में वह नकारे क्यों जाते ?
क्या हुआ था 2017 में
2015 के विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार ने महागठबंधन में आरजेडी के साथ मिलकर लड़ा था। इस चुनाव में जेडीयू को आरजेडी से 10 सीटें कम मिली थीं। करीब दो साल बाद 2017 नीतीश ने लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

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