श्रीराम की ‘करूणा-निधान’ सूरत का ‘सत्ता-विधान’ मूरत में रूपांतरण

0 उमेश त्रिवेदी ‘राम’ …दो अक्षरों के यह सहज, सरल, सजल शब्द जिंदगी के भाव विहान का कब और कैसे हिस्सा बना, मनोमस्तिष्क की स्मरण...