कुंडलपुर में पाषाण से भगवान बनने का अनुष्ठान शुरु

  • भक्तामर विधान एवं पांडाल शुध्दि के साथ सकलीकरण की प्रक्रिया सम्पन्न
  • कल होगी भगवान के गर्भ कल्याणक की धूम
  • भाटापारा। कुंडलपुर (दमोह)। मप्र के जैन तीर्थ कुंडलपुर में आयोजित इस सदी के सबसे बड़े पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के माध्यम से पाषाण से भगवान बनने की प्रक्रिया शुरु हुई हो गई है। इस आयोजन में पाषाण एवं अष्टधातु की लगभग 2000 दिगम्बर जैन मूर्तियों में मंत्रोच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। महोत्सव के दूसरे दिन भक्तामर विधान, पांडाल शुध्दि एवं पात्रों का सकलीकरण किया गया। कल बुधवार को भगवान के गर्भ कल्याणक की धूम रहेगी।

मंगलवार को सुबह प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने भक्तिभाव से भक्तामर विधान कराया। इसके बाद हजारों लोगों ने श्रद्धा व भक्ति से आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की। दोपहर में मंत्रोच्चारण के साथ प्रासुक जल से मुख्य पांडाल की शुद्धि की गई। सभी पात्रों की भी शुद्धि की गई। पात्रों ने संकल्प लिया कि पंचकल्याणक सम्पन्न होने तक वे सभी प्रकार के विकल्पों का त्याग कर सिर्फ भगवान की भक्ति करेंगे। अनेक पात्रों ने सामर्थ के अनुसार नियम भी लिये।

9 भोजनशालाओं में 25 हजार लोगों का भोजन
महोत्सव में 9 अलग अलग भोजन शालायें बनाई गई हैं। इनमें 25 हजार लोगों के एक साथ भोजन करने की व्यवस्था की गई है। आम यात्रियों से लेकर, मुख्य पात्रों, सामान्य पात्रों, त्यागी वृत्तियों, स्वयं सेवकों के लिये अलग अलग भोजनशालायें तैयार की गई हैं। इनमें भोजन बनाने के लिये रतलाम, इंदौर, विदिशा से हजारों लोगों की टीमें पहुंच चुकी हैं।

निशुल्क नाश्ते की व्यवस्था
आयोजन स्थल पर कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने सभी अतिथियों के लिये निशुल्क नाश्ते के स्टाॅल लगाये हैं। खरौआ जैन समाज एवं श्री प्रभावना भावना जैन जनकल्याण समिति इटारसी के कार्यकर्ता बहुत ही स्नेह से सभी अग॔तुकों को निशुल्क पोहा व चाय उपलब्ध करा रहे हैं।

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