एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देशभर में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे में इजाफा किया

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान न सिर्फ देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की, बल्कि उसने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिये पूरे समाज की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। इस सिलसिले में कंपनी ने देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में इजाफा किया है।
एनटीपीसी ने पहल करके देश भर में 600 से अधिक ऑक्सीजन बेड और 1200 आईसोलेशन बेडों की व्यवस्था की है। उसने अपनी विभिन्न परियोजनाओं और आसपास के इलाके में सप्ताह भर में ही युद्धस्तर पर यह काम अंजाम दिया है। इसके कारण आम जनता सहित तमाम लोगों की प्राण रक्षा हो सकी है। एनटीपीसी, राज्य और जिला प्रशासन के साथ नजदीकी तालमेल बनाकर काम कर रही है और दूर-दराज के इलाकों सहित अपने कार्यस्थलों में चिकित्सा के बुनियादी ढांचों को बेहतर बनाया है।
एनटीपीसी ने मध्यप्रदेश के खरगौन जिला अस्पताल में 2.24 करोड़ रुपये की लागत से 250 ऑक्सीजन वाले बेड, 20 एचडीयू और 10 आईसीयू बेड की व्यवस्था की है। यह सुविधा दूर-दराज के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। झारखंड में एनटीपीसी, नॉर्थ करमपुरा, ने 53 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी है, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टंडवा, जिला चतरा, झारखंड में ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम वाले 15 आईसीयू बेड तैयार होने हैं। इसके अलावा हजारीबाग स्थित एनटीपीसी के पकड़ी बरवाडीह की खनन परियोजना ने रिम्स, रांची, आईटीकेईटीआई, रांची और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के लिये केंद्रीयकृत मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली बनाई है। इसकी लागत एक करोड़ रुपये है। इसके जरिये एक हजार से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। देश के दूर-दराज के इलाकों में मौजूद एनटीपीसी की कई परियोजनायें अपने आसपास चिकित्सा बुनियादी ढांचा तैयार करने में भरपूर योगदान कर रही हैं।
एनटीपीसी की अन्य परियोजनाओं में रिहंद, ऊंचाहार, विंध्याचल (उत्तरप्रदेश), गदरवारा, खरगौन (मध्यप्रदेश) और ओडिशा के दार्लीपाली में जिला और स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन जेनेरेशन संयंत्रों को लगाने के लिये एनटीपीसी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की है।

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