चुनावी लक्ष्य : आधे से अधिक मतदाताओं को जुटाएगी भाजपा

0 अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में आगामी चुनावों में आधे से अधिक मतदाताओं को याने कम से कम 51 प्रतिशत मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को लेकर बड़े ही सधे हुए कदमों से पूरी रणनीति के साथ भाजपा जुटेगी । पार्टी प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव के द्वारा दिए गए लक्ष्य की पूर्ति में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। भाजपा नेताओं को इंटरनेट और सोशल मीडिया में ना केवल अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराना होगी अपितु विपक्षी दलों को पूरे तर्कों के साथ मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उज्जैन में आयोजित भाजपा विधायकों और प्रदेश संगठन पदाधिकारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में नेतृत्व ने जो कसौटी जनप्रतिनिधियों के लिए निर्धारित की है और जो टिप्स दिए हैं उसके अनुसार यदि विधायकों के आचार -व्यवहार में बदलाव नहीं आया और नेतृत्व की कसौटी पर खरे नहीं उतरे तो फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी टिकट के लाले पड़ सकते हैं। कुल मिलाकर भाजपा का प्रयास है कि जल्दी से जल्दी उसे चुनाव में मिलने वाले मतों का कम से कम प्रतिशत 51 तो हो ही जाए, ताकि भविष्य में यदि भाजपा विरोधी सभी ताकतें मिलकर मुकाबला करना चाहें तो भी उसे सत्ता से बेदखल ना कर पाएं। उसका मानना है कि प्रदेश में कांग्रेस दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है इसलिए भाजपा का जनाधार इतना व्यापक कर लिया जाए कि वह राज्य के सत्ताशीर्ष पर अपना पैर अंगद की तरह जमा ले और भविष्य में कोई उसे हिला तक ना पाए।
भाजपा अपना मत प्रतिशत बढ़ाने का आगाज नगरीय निकाय चुनाव से करना चाहती है और 2023 के विधानसभा चुनाव तथा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस लक्ष्य तक पहुंचना चाहती है। भाजपा अपने इस अति महत्वाकांक्षी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए त्रिशूल फॉर्मेट पर पूरे समर्पित भाव से सुनिश्चित रणनीति के तहत जुटने वाली है। प्रदेश प्रभारी राव ने त्रिशूल फॉर्मेट से जीत के टिप्स देते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी का स्वरूप त्रिशूल जैसा नजर आना चाहिए। इस त्रिशूल में मंत्री, विधायक और प्रदेश पदाधिकारी शामिल होंगे। इन तीनों को मिलकर इस लक्ष्य को पाने के लिए अपनी पूरी शक्ति और संसाधन लगाने होंगे। पार्टी का मानना है कि राज्य में धीरे- धीरे कांग्रेस सिकुड़ रही है इसलिए भाजपा नेतृत्व का फोकस इस बात पर है कि कांग्रेस से छिटक रहे वोटर्स को भाजपा के साथ जोड़ा जाए। भाजपा की सोच है कि 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिबद्ध मतदाताओं के वैचारिक आधार पर पक्का वोट बैंक बनाया जाए जो किसी भी परिस्थिति में उससे छिटके नहीं बल्कि उसके साथ मजबूती से जुड़ा रहे। राव ने जो लक्ष्य दिया है उसके साथ ही अपना यह अनुभव बता दिया था कि अब प्रदेश में आने वाले 25 साल तक कांग्रेस उठकर खड़ी नहीं हो पाएगी क्योंकि वह लड़खड़ा गई है। उसका वोट बैंक बिखर गया है और उसके बिखरे वोट बैंक को संभाल कर रखते हुए भाजपा के साथ जोड़ना है।

बचना है तो इंटरनेट पर सक्रिय रहें

आने वाले समय में जो नेता इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहेगा वही बचेगा। विधायकों को चेतावनी के लहजे में राव ने प्रशिक्षण वर्ग के अंतिम दिन कहा था कि सारे विधायक फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम आदि पर सक्रिय हो जाएं। अब लोग आपको अपनी समस्याएं इन्हीं प्लेटफार्म पर भेजेंगे, आप भी इसी के जरिए उनकी समस्याओं का समाधान करें। आपके कार्यालय की व्यवस्था भी अब पेपरलेस हो जाना चाहिए। अब अच्छा नेता वही कहलाएगा जो इंटरनेट मीडिया में ज्यादा से ज्यादा सेवाएं देगा। आप यहां से संकल्प लेकर जाएं और अपने विधानसभा क्षेत्र को आदर्श बनाएं। आपकी चिंता पार्टी करेगी। मंत्री विधायक और पार्टी पदाधिकारी मिलकर पूरे समन्वय से त्रिशूल की भांति काम करें। सभी विधायक पार्टी के मूल चरित्र में ढल जाएं और इधर उधर ना भटकें। उपदेश की यह घुट्टी भी उन्हें पिलाते हुए राव ने कहा कि हमें अपने मूल चरित्र से नहीं भटकना है, इसलिए दाएं बाएं कदापि न जाएं। कार्यकर्ता के आंकलन में जो गिरता है तो फिर उसे कोई नहीं बचा सकता। भाजपा आकाओं की पार्टी नहीं है और सामने चुनौतियां बहुत हैं, गलतफहमी भी ना रखें।

आप ने मैदान में उतारे उम्मीदवार

एक तरफ भाजपा प्रदेश में आधे से अधिक मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ने का अभियान चलाने वाली है तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव के लिए 106 पार्षद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। बसपा भी चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में है। ऐसे में देखने वाली बात यही होगी कि क्या भाजपा अपना मतदान प्रतिशत 50 तक ले जाने के कितने करीब पहुंचती है। प्रथम चरण में आम आदमी पार्टी ने भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर आदि नगर निगम में प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस प्रकार आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में आगामी नगरीय निकाय चुनावी रण में प्रत्याशियों की प्रथम सूची जारी कर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। आप के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दो अलग पार्टी नहीं बल्कि ये दोनों ही पार्टियां असल मे एक ही पार्टी हैं, जिन्होंने प्रदेश की जनता को हमेशा से अंधकार में रखा है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को भाजपा का विकल्प मानते हुए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी परंतु किस कदर प्रदेश में लोकतंत्र की असली मालिक जनता जो अपना बहुमूल्य मत देकर सरकार चुनती है उसका मजाक बनाया गया ये पूरी दुनिया ने देखा। पंकज सिंह का मानना है कि यह चुनाव जनता और सत्ता के बीच का होगा और आप पार्टी प्रदेश की जनता को दूसरा मजबूत विकल्प देगी क्योंकि भाजपा कांग्रेस दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

और अंत में………….

प्रदेश में शहर सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी केजरीवाल सरकार के दिल्ली मॉडल को सामने रखकर मतदाताओं से वोट मांगेगी। इसका संकेत उसके प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने यह कहते हुए दिया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा,चिकित्सा,सुरक्षा,
रोजगार बिजली,पानी, स्वछता, के साथ हर मोर्चे पर ऐतिहासिक कार्य किये हैं। जनता जनार्दन की जरूरतों को महसूस कर उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए सच्ची निष्ठा ईमानदारी अथक प्रयासों से जनता की हर समस्याओं का समाधान किया। आप सरकार आम आदमी की पीड़ा को समझती ही नहीं है बल्कि उसे महसूस भी करती है। इसलिए कहा जा सकता है आप इसी आधार पर शहर सरकारों के लिए वोट मांगेगी।

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